Lrc Kal bhairavashtkam
Kal bhairavashtkam LRC Lyrics - Donwload, Copy or Adapt easily to your Music
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6 years ago
by
Guest
LRC API - Developers can now access to our API from RapidApi:
https://rapidapi.com/keiteldog-ieuRVL_c3Lu/api/megalobiz-lrc
[length:05:29.67]
[re:www.megalobiz.com/lrc/maker]
[ve:v1.2.3]
[00:46.40]देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
[00:50.65]व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्
[00:54.41]नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
[00:59.18]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥
[01:07.90]भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
[01:11.17]नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
[01:15.67]कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
[01:19.90]काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥
[01:28.40]शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
[02:01.66]श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
[02:05.95]भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
[02:10.15]काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥
[02:18.66]भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
[02:22.64]भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
[02:26.40]विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
[02:30.67]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥४॥
[02:39.17]धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
[02:59.63]कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम् ।
[03:04.15]स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
[03:08.16]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥
[03:16.64]रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
[03:20.90]नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरञ्जनम् ।
[03:24.65]मृत्युदर्पनाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं
[03:28.91]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥
[03:59.17]अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसन्ततिं
[04:02.67]दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
[04:06.90]अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकन्धरं
[04:11.13]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥
[04:19.41]भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं
[04:23.15]काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
[04:27.40]नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
[04:31.40]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥
[04:41.40]कालभैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरं
[04:44.64]ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।
[04:48.64]शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं
[04:52.90]ते प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रिसन्निधिं ध्रुवम् ॥९॥
[re:www.megalobiz.com/lrc/maker]
[ve:v1.2.3]
[00:46.40]देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
[00:50.65]व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम्
[00:54.41]नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
[00:59.18]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥
[01:07.90]भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
[01:11.17]नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम् ।
[01:15.67]कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
[01:19.90]काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥
[01:28.40]शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
[02:01.66]श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम् ।
[02:05.95]भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
[02:10.15]काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥
[02:18.66]भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
[02:22.64]भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम् ।
[02:26.40]विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
[02:30.67]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥४॥
[02:39.17]धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
[02:59.63]कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम् ।
[03:04.15]स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
[03:08.16]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥
[03:16.64]रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
[03:20.90]नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरञ्जनम् ।
[03:24.65]मृत्युदर्पनाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं
[03:28.91]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥
[03:59.17]अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसन्ततिं
[04:02.67]दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम् ।
[04:06.90]अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकन्धरं
[04:11.13]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥
[04:19.41]भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं
[04:23.15]काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम् ।
[04:27.40]नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
[04:31.40]काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥
[04:41.40]कालभैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरं
[04:44.64]ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम् ।
[04:48.64]शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं
[04:52.90]ते प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रिसन्निधिं ध्रुवम् ॥९॥
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